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Sunday, 16 September 2018

छल

रामराज कहते थे वो
मगर कलयुग का आगाज हुआ
80 की  पेट्रोल हुई ,डीजल भी 70 के पार हुआ।
भ्रष्टाचार चरम पर पहुंची, युवा भी लाचार हुआ।
शिक्षा खस्ताहाल हुई, कृषक भी बेकार हुआ ।
ये कैसा रामराज हुआ.....

चरणों में झुकी रह गई सत्ता, बैंकों का भी बंटाधार हुआ।
माल्या तो निकला ही था,नीरव भी अब फरार हुआ।
चुनावी वादे जुमले बन गए, वोटों से केवल करार हुआ
शीश कटे जब सीमा पर बेटो के, तब यह 56 इंच का सीना भी बेकार हुआ।
बोलो ये कैसा रामराज हुआ?

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