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Sunday, 3 June 2018

यहाँ सब कुछ बिकता है!

काले कोट से लेकर, खाकी वर्दी तक के ईमान का कीमत हो सकता है।
सफ़ेद कुर्ते के रंग के आगे हर ईमान वाले का सर झुक सकता है।
जनाब! यहां सब कुछ बिक सकता है।

अश्कों से लेकर, दिलों, दिमाग़ का भी सौदा हो.सकता है।
जिस्म तो यूं ही बदनाम है,.                                                          
यहां तो स्त्री के मन का भी मोल लग सकता है।
जनाब! यहां सब कुछ बिक सकता है।

हर बाजार एक मंडी है, हर कोई खरीदार हो सकता है।
सफ़ेद कुर्ते से लेकर खाकी वर्दी तक,
उस काले कोट का मूल्य भी,
ये लाल - गुलाबी नोट हो सकता है।
यहां तो इंसान के मन से लेकर , अर्थियों का व्यापार हो सकता है।
जनाब! यहां सब कुछ बिक सकता है।

जाग जाइए जनाब!
नहीं तो एक दिन आपका भी रेट लग सकता है।

यहां आरक्षण के नाम पर मौत का खेल हो सकता है,
चुनाव की जीत से लेकर, नौकरी की सीट तक मे घोटाला हो सकता है।
जनाब! यहां सब कुछ बिक सकता है।

यहां हत्या से लेकर , रेप तक का गुनाह आम बन सकता है।
जनाब! यहां कुछ भी बिक सकता है।

~By-Vicky Kumar Gupta
~ Edited By - Ragini Chaturvedi

©compilethethoughts.blogspot.com

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